शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010
स्वातंत्र्य सत्याग्रही श्रीमती सुशीला देवी दीक्षित के प्रति काव्यांजलि:
भारत माँ रक्षा के हित, तुमने दी थी कुर्बानी.
नेह नर्मदा सदृश तुम्हारी, अमृतमय निर्मल वाणी..
स्निग्ध दृष्टि, ममतामय आनन्, तुम जग जननी लगती थीं.
मैया की संज्ञा तुम पर ही सत्य कहूँ मैं सजती थी..
दुर्बल काया सुदृढ़ मनोबल, 'आई' तुम थीं स्नेहागार.
बिना तुम्हारे स्मृतियों का सूना ही लगता संसार..
छाया प्रभा विनोद तुम्हारे सांस-सांस में बसते थे.
पाया था रेवा प्रसाद, तुम उनमें थीं वे तुममें थे..
पाँच पीढ़ियों से जुड़कर तुम सचमुच युग निर्माता थीं.
माया-मोह न व्यापा तुमको, तुम निज भाग्य विधाता थीं..
स्नेह 'सलिल' को मिला तुम्हारा, पूर्व जन्म के पुण्य फले.
चली गयीं तुम विकल खड़े हम, अपने खाली हाथ मले..
तुममें था इतिहास समाया, घटनाओं का हिस्सा तुम.
जो न समय देखा था हमने, सुना सकीं थीं किस्सा तुम..
तुम अभियान राष्ट्र सेवा का, तुम पाथेय-प्रेरणा थीं.
मूर्तिमंत तुम लोकभावना, तुम ही लोक चेतना थीं..
नत मस्तक शत वन्दन कर हम, अपना भाग्य सराह रहे.
पाया था आशीष तुम्हारा, यादों में अवगाह रहे..
काया नहीं तुम्हारी लेकिन छाया-माया शेष यहीं.
'सलिल' प्रेरणा तुम जीवन की, भूलेंगे हम तुम्हें नहीं.
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Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com
शनिवार, 6 मार्च 2010
नर्मदा नामावली: --आचार्य संजीव 'सलिल'
नर्मदा नामावली
आचार्य संजीव 'सलिल'
पुण्यतोया सदानीरा नर्मदा.
शैलजा गिरिजा अनिंद्या वर्मदा.
शैलपुत्री सोमतनया निर्मला.
अमरकंटी शांकरी शुभ शर्मदा.
आदिकन्या चिरकुमारी पावनी.
जलधिगामिनी चित्रकूटा पद्मजा.
विमलहृदया क्षमादात्री कौतुकी.
कमलनयनी जगज्जननि हर्म्यदा.
शाशिसुता रौद्रा विनोदिनी नीरजा.
मक्रवाहिनी ह्लादिनी सौंदर्यदा.
शारदा वरदा सुफलदा अन्नदा.
नेत्रवर्धिनि पापहारिणी धर्मदा.
सिन्धु सीता गौतमी सोमात्मजा.
रूपदा सौदामिनी सुख-सौख्यदा.
शिखरिणी नेत्रा तरंगिणी मेखला.
नीलवासिनी दिव्यरूपा कर्मदा.
बालुकावाहिनी दशार्णा रंजना.
विपाशा मन्दाकिनी चित्रोंत्पला.
रुद्रदेहा अनुसूया पय-अंबुजा.
सप्तगंगा समीरा जय-विजयदा.
अमृता कलकल निनादिनी निर्भरा.
शाम्भवी सोमोद्भवा स्वेदोद्भवा.
चन्दना शिव-आत्मजा सागर-प्रिया.
वायुवाहिनी कामिनी आनंददा.
मुरदला मुरला त्रिकूटा अंजना.
नंदना नाम्माडिअस भव मुक्तिदा.
शैलकन्या शैलजायी सुरूपा.
विपथगा विदशा सुकन्या भूषिता.
गतिमयी क्षिप्रा शिवा मेकलसुता.
मतिमयी मन्मथजयी लावण्यदा.
रतिमयी उन्मादिनी वैराग्यदा.
यतिमयी भवत्यागिनी शिववीर्यदा.
दिव्यरूपा तारिणी भयहांरिणी.
महार्णवा कमला निशंका मोक्षदा.
अम्ब रेवा करभ कालिंदी शुभा.
कृपा तमसा शिवज सुरसा मर्मदा.
तारिणी वरदायिनी नीलोत्पला.
क्षमा यमुना मेकला यश-कीर्तिदा.
साधना संजीवनी सुख-शांतिदा.
सलिल-इष्ट माँ भवानी नरमदा.
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आचार्य संजीव 'सलिल'
पुण्यतोया सदानीरा नर्मदा.
शैलजा गिरिजा अनिंद्या वर्मदा.
शैलपुत्री सोमतनया निर्मला.
अमरकंटी शांकरी शुभ शर्मदा.
आदिकन्या चिरकुमारी पावनी.
जलधिगामिनी चित्रकूटा पद्मजा.
विमलहृदया क्षमादात्री कौतुकी.
कमलनयनी जगज्जननि हर्म्यदा.
शाशिसुता रौद्रा विनोदिनी नीरजा.
मक्रवाहिनी ह्लादिनी सौंदर्यदा.
शारदा वरदा सुफलदा अन्नदा.
नेत्रवर्धिनि पापहारिणी धर्मदा.
सिन्धु सीता गौतमी सोमात्मजा.
रूपदा सौदामिनी सुख-सौख्यदा.
शिखरिणी नेत्रा तरंगिणी मेखला.
नीलवासिनी दिव्यरूपा कर्मदा.
बालुकावाहिनी दशार्णा रंजना.
विपाशा मन्दाकिनी चित्रोंत्पला.
रुद्रदेहा अनुसूया पय-अंबुजा.
सप्तगंगा समीरा जय-विजयदा.
अमृता कलकल निनादिनी निर्भरा.
शाम्भवी सोमोद्भवा स्वेदोद्भवा.
चन्दना शिव-आत्मजा सागर-प्रिया.
वायुवाहिनी कामिनी आनंददा.
मुरदला मुरला त्रिकूटा अंजना.
नंदना नाम्माडिअस भव मुक्तिदा.
शैलकन्या शैलजायी सुरूपा.
विपथगा विदशा सुकन्या भूषिता.
गतिमयी क्षिप्रा शिवा मेकलसुता.
मतिमयी मन्मथजयी लावण्यदा.
रतिमयी उन्मादिनी वैराग्यदा.
यतिमयी भवत्यागिनी शिववीर्यदा.
दिव्यरूपा तारिणी भयहांरिणी.
महार्णवा कमला निशंका मोक्षदा.
अम्ब रेवा करभ कालिंदी शुभा.
कृपा तमसा शिवज सुरसा मर्मदा.
तारिणी वरदायिनी नीलोत्पला.
क्षमा यमुना मेकला यश-कीर्तिदा.
साधना संजीवनी सुख-शांतिदा.
सलिल-इष्ट माँ भवानी नरमदा.
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शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010
मंदिर: Achal Verma
मंदिर
मंदिर की पहचान सुनाऊँ, मंदिर की पहचान,
जहां पहुँच ,मन थिर हो जाए , दिख जाए भगवान |
भक्त की श्रध्धा पत्थर की मूरत में डाले जान ,
मूरत की एक झलक हटा दे हर मन का अज्ञान |
यहाँ नाकोई उंच नीच है, सब हैं एक समान,
उम्र की कोई बात न उठती , सबको मिलता ज्ञान|
आते ही मंदिर के अन्दर, मन बन जाय महान,
पुज्य भाव भर जाए मन में, हो जाए कल्याण |
माँ की मूरत देखे हमको , अभय का दे वरदान ,
औढरदानी शम्भू विराजें , करें मंत्र का दान |
शीश झुकाए ,प्रहरी बनकर खड़े "अचल" हनुमान,
एक प्रभू के रूप अनेकों , करलें हम सब ध्यान ||
Achal Verma
--- On Wed, 2/17/10, shriprakash shukla
मंदिर की पहचान सुनाऊँ, मंदिर की पहचान,
जहां पहुँच ,मन थिर हो जाए , दिख जाए भगवान |
भक्त की श्रध्धा पत्थर की मूरत में डाले जान ,
मूरत की एक झलक हटा दे हर मन का अज्ञान |
यहाँ नाकोई उंच नीच है, सब हैं एक समान,
उम्र की कोई बात न उठती , सबको मिलता ज्ञान|
आते ही मंदिर के अन्दर, मन बन जाय महान,
पुज्य भाव भर जाए मन में, हो जाए कल्याण |
माँ की मूरत देखे हमको , अभय का दे वरदान ,
औढरदानी शम्भू विराजें , करें मंत्र का दान |
शीश झुकाए ,प्रहरी बनकर खड़े "अचल" हनुमान,
एक प्रभू के रूप अनेकों , करलें हम सब ध्यान ||
Achal Verma
--- On Wed, 2/17/10, shriprakash shukla
रविवार, 14 फ़रवरी 2010
बम बम लहरी
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
डम डम डम डम डमरू बाजे
नंदीगन खड़े है जोड़े हाथ
भंग का रंग जमाए शंकर
विष्णु करे नृत्य देवन साथ
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ
गोरी का भी रूप खिल गया
तारो से सजी है रात
धरती पर भी धूम मची
शिव शक्ति का मिलन है आज
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ
रूप अनोखा अद्भूत ऐसा
नागो को लिये है साध
अंग भभूती, भाल चन्द्रमा
डमरू त्रिशूल, धरे दोउ हाथ
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ
डम डम डम डम डमरू बाजे
नंदीगन खड़े है जोड़े हाथ
भंग का रंग जमाए शंकर
विष्णु करे नृत्य देवन साथ
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ
गोरी का भी रूप खिल गया
तारो से सजी है रात
धरती पर भी धूम मची
शिव शक्ति का मिलन है आज
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ
रूप अनोखा अद्भूत ऐसा
नागो को लिये है साध
अंग भभूती, भाल चन्द्रमा
डमरू त्रिशूल, धरे दोउ हाथ
बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ
बुधवार, 20 जनवरी 2010
सरस्वती-स्तुति: संजीव 'सलिल'
माँ मुझको ॐ-प्रकाश मिले, नित सद्भावों के सुमन खिलें.
वर ऐसा दो सत्मूल्यों के शुभ संस्कार किंचित न हिलें.
मम कलम विचारों वाणी को मैया अपना आवास करो-
मेर जीवन से मिटा तिमिर हे मैया अमर उजास भरो..
वर ऐसा दो सत्मूल्यों के शुभ संस्कार किंचित न हिलें.
मम कलम विचारों वाणी को मैया अपना आवास करो-
मेर जीवन से मिटा तिमिर हे मैया अमर उजास भरो..
शुक्रवार, 15 जनवरी 2010
नर्मदा नामावली संजीव 'सलिल'
नर्मदा नामावली
संजीव 'सलिल'
पुण्यतोया सदानीरा नर्मदा.
शैलजा गिरिजा अनिंद्या वर्मदा.
शैलपुत्री सोमतनया निर्मला.
अमरकंटी शांकरी शुभ शर्मदा.
आदिकन्या चिरकुमारी पावनी.
जलधिगामिनी चित्रकूटा पद्मजा.
विमलहृदया क्षमादात्री कौतुकी.
कमलनयनी जगज्जननि हर्म्यदा.
शाशिसुता रौद्रा विनोदिनी नीरजा.
मक्रवाहिनी ह्लादिनी सौंदर्यदा.
शारदा वरदा सुफलदा अन्नदा.
नेत्रवर्धिनि पापहारिणी धर्मदा.
सिन्धु सीता गौतमी सोमात्मजा.
रूपदा सौदामिनी सुख-सौख्यदा.
शिखरिणी नेत्रा तरंगिणी मेखला.
नीलवासिनी दिव्यरूपा कर्मदा.
बालुकावाहिनी दशार्णा रंजना.
विपाशा मन्दाकिनी चित्रोंत्पला.
रुद्रदेहा अनुसूया पय-अंबुजा.
सप्तगंगा समीरा जय-विजयदा.
अमृता कलकल निनादिनी निर्भरा.
शाम्भवी सोमोद्भवा स्वेदोद्भवा.
चन्दना शिव-आत्मजा सागर-प्रिया.
वायुवाहिनी कामिनी आनंददा.
मुरदला मुरला त्रिकूटा अंजना.
नंदना नाम्माडिअस भव मुक्तिदा.
शैलकन्या शैलजायी सुरूपा.
विपथगा विदशा सुकन्या भूषिता.
गतिमयी क्षिप्रा शिवा मेकलसुता.
मतिमयी मन्मथजयी लावण्यदा.
रतिमयी उन्मादिनी वैराग्यदा.
यतिमयी भवत्यागिनी शिववीर्यदा.
दिव्यरूपा तारिणी भयहांरिणी.
महार्णवा कमला निशंका मोक्षदा.
अम्ब रेवा करभ कालिंदी शुभा.
कृपा तमसा शिवज सुरसा मर्मदा.
तारिणी वरदायिनी नीलोत्पला.
क्षमा यमुना मेकला यश-कीर्तिदा.
साधना संजीवनी सुख-शांतिदा.
सलिल-इष्ट माँ भवानी नरमदा.
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संजीव 'सलिल'
पुण्यतोया सदानीरा नर्मदा.
शैलजा गिरिजा अनिंद्या वर्मदा.
शैलपुत्री सोमतनया निर्मला.
अमरकंटी शांकरी शुभ शर्मदा.
आदिकन्या चिरकुमारी पावनी.
जलधिगामिनी चित्रकूटा पद्मजा.
विमलहृदया क्षमादात्री कौतुकी.
कमलनयनी जगज्जननि हर्म्यदा.
शाशिसुता रौद्रा विनोदिनी नीरजा.
मक्रवाहिनी ह्लादिनी सौंदर्यदा.
शारदा वरदा सुफलदा अन्नदा.
नेत्रवर्धिनि पापहारिणी धर्मदा.
सिन्धु सीता गौतमी सोमात्मजा.
रूपदा सौदामिनी सुख-सौख्यदा.
शिखरिणी नेत्रा तरंगिणी मेखला.
नीलवासिनी दिव्यरूपा कर्मदा.
बालुकावाहिनी दशार्णा रंजना.
विपाशा मन्दाकिनी चित्रोंत्पला.
रुद्रदेहा अनुसूया पय-अंबुजा.
सप्तगंगा समीरा जय-विजयदा.
अमृता कलकल निनादिनी निर्भरा.
शाम्भवी सोमोद्भवा स्वेदोद्भवा.
चन्दना शिव-आत्मजा सागर-प्रिया.
वायुवाहिनी कामिनी आनंददा.
मुरदला मुरला त्रिकूटा अंजना.
नंदना नाम्माडिअस भव मुक्तिदा.
शैलकन्या शैलजायी सुरूपा.
विपथगा विदशा सुकन्या भूषिता.
गतिमयी क्षिप्रा शिवा मेकलसुता.
मतिमयी मन्मथजयी लावण्यदा.
रतिमयी उन्मादिनी वैराग्यदा.
यतिमयी भवत्यागिनी शिववीर्यदा.
दिव्यरूपा तारिणी भयहांरिणी.
महार्णवा कमला निशंका मोक्षदा.
अम्ब रेवा करभ कालिंदी शुभा.
कृपा तमसा शिवज सुरसा मर्मदा.
तारिणी वरदायिनी नीलोत्पला.
क्षमा यमुना मेकला यश-कीर्तिदा.
साधना संजीवनी सुख-शांतिदा.
सलिल-इष्ट माँ भवानी नरमदा.
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सोमवार, 11 जनवरी 2010
सरस्वती वंदना : ३ संजीव 'सलिल'
सरस्वती वंदना : ३
संजीव 'सलिल'
*
हे हंसवाहिनी! ज्ञानदायिनी!
अम्ब विमल मति दे...
*
नाद-ब्रम्ह की नित्य वंदना.
ताल-थापमय सृजन-साधना.
सरगम कंठ सजे...
*
रुनझुन-रुनझुन नूपुर बाजे.
नटवर-चित्रगुप्त उर साजे.
रास-लास उमगे...
*
अक्षर-अक्षर शब्द सजाये.
काव्य-छंद, रस-धार बहाये.
शुभ साहित्य सृजे...
*
सत-शिव-सुन्दर सृजन शाश्वत.
सत-चित-आनंद भजन भागवत.
आत्म देव पुलके...
*
कंकर-कंकर प्रगटे शंकर.
निर्मल करें ह्रदय प्रयलंकर.
'सलिल' सतत महके...
*
संजीव 'सलिल'
*
हे हंसवाहिनी! ज्ञानदायिनी!
अम्ब विमल मति दे...
*
नाद-ब्रम्ह की नित्य वंदना.
ताल-थापमय सृजन-साधना.
सरगम कंठ सजे...
*
रुनझुन-रुनझुन नूपुर बाजे.
नटवर-चित्रगुप्त उर साजे.
रास-लास उमगे...
*
अक्षर-अक्षर शब्द सजाये.
काव्य-छंद, रस-धार बहाये.
शुभ साहित्य सृजे...
*
सत-शिव-सुन्दर सृजन शाश्वत.
सत-चित-आनंद भजन भागवत.
आत्म देव पुलके...
*
कंकर-कंकर प्रगटे शंकर.
निर्मल करें ह्रदय प्रयलंकर.
'सलिल' सतत महके...
*
बुधवार, 6 जनवरी 2010
सरस्वती वंदना : २ --संजीव 'सलिल'
सरस्वती वंदना : २
संजीव 'सलिल'
*
हे हंसवाहिनी!, ज्ञानदायिनी!!
अम्ब विमल मति दे...
*
जग सिरमौर बने माँ भारत.
सुख-सौभाग्य करे नित स्वागत.
नव बल-विक्रम दे...
*
साहस-शील ह्रदय में भर दे.
जीवन त्याग-तपोमय कर दे.
स्वाभिमान भर दे...
*
लव-कुश, ध्रुव-प्रह्लाद हम बनें.
मानवता का त्रास-तम हरें.
स्वार्थ विहँस तज दें...
*
दुर्गा, सीता, गार्गी, राधा.
घर-घर हों, काटें हर बाधा.
सुख-समृद्धि सरसे...
*
नेह-प्रेम की सुरसरि पावन.
स्वर्गोपम हो राष्ट्र सुहावन.
'सलिल' निरख हरषे...
***
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com/
संजीव 'सलिल'
*
हे हंसवाहिनी!, ज्ञानदायिनी!!
अम्ब विमल मति दे...
*
जग सिरमौर बने माँ भारत.
सुख-सौभाग्य करे नित स्वागत.
नव बल-विक्रम दे...
*
साहस-शील ह्रदय में भर दे.
जीवन त्याग-तपोमय कर दे.
स्वाभिमान भर दे...
*
लव-कुश, ध्रुव-प्रह्लाद हम बनें.
मानवता का त्रास-तम हरें.
स्वार्थ विहँस तज दें...
*
दुर्गा, सीता, गार्गी, राधा.
घर-घर हों, काटें हर बाधा.
सुख-समृद्धि सरसे...
*
नेह-प्रेम की सुरसरि पावन.
स्वर्गोपम हो राष्ट्र सुहावन.
'सलिल' निरख हरषे...
***
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com/
शुक्रवार, 1 जनवरी 2010
शुभ कामनाएं सभी को... संजीव "सलिल"
शुभ कामनाएं सभी को...
संजीव "सलिल"
salil.sanjiv@gmail.com
divyanarmada.blogspot.com
शुभकामनायें सभी को, आगत नवोदित साल की.
शुभ की करें सब साधना,चाहत समय खुशहाल की..
शुभ 'सत्य' होता स्मरण कर, आत्म अवलोकन करें.
शुभ प्राप्य तब जब स्वेद-सीकर राष्ट्र को अर्पण करें..
शुभ 'शिव' बना, हमको गरल के पान की सामर्थ्य दे.
शुभ सृजन कर, कंकर से शंकर, भारती को अर्ध्य दें..
शुभ वही 'सुन्दर' जो जनगण को मृदुल मुस्कान दे.
शुभ वही स्वर, कंठ हर अवरुद्ध को जो ज्ञान दे..
शुभ तंत्र 'जन' का तभी जब हर आँख को अपना मिले.
शुभ तंत्र 'गण' का तभी जब साकार हर सपना मिले.
शुभ तंत्र वह जिसमें, 'प्रजा' राजा बने, चाकर नहीं.
शुभ तंत्र रच दे 'लोक' नव, मिलकर- मदद पाकर नहीं..
शुभ चेतना की वंदना, दायित्व को पहचान लें.
शुभ जागृति की प्रार्थना, कर्त्तव्य को सम्मान दें..
शुभ अर्चना अधिकार की, होकर विनत दे प्यार लें.
शुभ भावना बलिदान की, दुश्मन को फिर ललकार दें.
शुभ वर्ष नव आओ! मिली निर्माण की आशा नयी.
शुभ काल की जयकार हो, पुष्पा सके भाषा नयी..
शुभ किरण की सुषमा, बने 'मावस भी पूनम अब 'सलिल'.
शुभ वरण राजिव-चरण धर, क्षिप्रा बने जनमत विमल..
शुभ मंजुला आभा उषा, विधि भारती की आरती.
शुभ कीर्ति मोहिनी दीप्तिमय, संध्या-निशा उतारती..
शुभ नर्मदा है नेह की, अवगाह देह विदेह हो.
शुभ वर्मदा कर गेह की, किंचित नहीं संदेह हो..
शुभ 'सत-चित-आनंद' है, शुभ नाद लय स्वर छंद है.
शुभ साम-ऋग-यजु-अथर्वद, वैराग-राग अमंद है.
शुभ करें अंकित काल के इस पृष्ट पर, मिलकर सभी.
शुभ रहे वन्दित कल न कल, पर आज इस पल औ' अभी..
शुभ मन्त्र का गायन- अजर अक्षर अमर कविता करे.
शुभ यंत्र यह स्वाधीनता का, 'सलिल' जन-मंगल वरे..
*******************
संजीव "सलिल"
salil.sanjiv@gmail.com
divyanarmada.blogspot.com
शुभकामनायें सभी को, आगत नवोदित साल की.
शुभ की करें सब साधना,चाहत समय खुशहाल की..
शुभ 'सत्य' होता स्मरण कर, आत्म अवलोकन करें.
शुभ प्राप्य तब जब स्वेद-सीकर राष्ट्र को अर्पण करें..
शुभ 'शिव' बना, हमको गरल के पान की सामर्थ्य दे.
शुभ सृजन कर, कंकर से शंकर, भारती को अर्ध्य दें..
शुभ वही 'सुन्दर' जो जनगण को मृदुल मुस्कान दे.
शुभ वही स्वर, कंठ हर अवरुद्ध को जो ज्ञान दे..
शुभ तंत्र 'जन' का तभी जब हर आँख को अपना मिले.
शुभ तंत्र 'गण' का तभी जब साकार हर सपना मिले.
शुभ तंत्र वह जिसमें, 'प्रजा' राजा बने, चाकर नहीं.
शुभ तंत्र रच दे 'लोक' नव, मिलकर- मदद पाकर नहीं..
शुभ चेतना की वंदना, दायित्व को पहचान लें.
शुभ जागृति की प्रार्थना, कर्त्तव्य को सम्मान दें..
शुभ अर्चना अधिकार की, होकर विनत दे प्यार लें.
शुभ भावना बलिदान की, दुश्मन को फिर ललकार दें.
शुभ वर्ष नव आओ! मिली निर्माण की आशा नयी.
शुभ काल की जयकार हो, पुष्पा सके भाषा नयी..
शुभ किरण की सुषमा, बने 'मावस भी पूनम अब 'सलिल'.
शुभ वरण राजिव-चरण धर, क्षिप्रा बने जनमत विमल..
शुभ मंजुला आभा उषा, विधि भारती की आरती.
शुभ कीर्ति मोहिनी दीप्तिमय, संध्या-निशा उतारती..
शुभ नर्मदा है नेह की, अवगाह देह विदेह हो.
शुभ वर्मदा कर गेह की, किंचित नहीं संदेह हो..
शुभ 'सत-चित-आनंद' है, शुभ नाद लय स्वर छंद है.
शुभ साम-ऋग-यजु-अथर्वद, वैराग-राग अमंद है.
शुभ करें अंकित काल के इस पृष्ट पर, मिलकर सभी.
शुभ रहे वन्दित कल न कल, पर आज इस पल औ' अभी..
शुभ मन्त्र का गायन- अजर अक्षर अमर कविता करे.
शुभ यंत्र यह स्वाधीनता का, 'सलिल' जन-मंगल वरे..
*******************
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