रविवार, 14 फ़रवरी 2010

बम बम लहरी

बम बम लहरी बम भोलेनाथ
डम डम डम डम डमरू बाजे
नंदीगन खड़े है जोड़े हाथ
भंग का रंग जमाए शंकर
विष्णु करे नृत्य देवन साथ

बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ

गोरी का भी रूप खिल गया
तारो से सजी है रात
धरती पर भी धूम मची
शिव शक्ति का मिलन है आज

बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ

रूप अनोखा अद्भूत ऐसा
नागो को लिये है साध
अंग भभूती, भाल चन्द्रमा
डमरू त्रिशूल, धरे दोउ हाथ

बम बम लहरी बम भोलेनाथ
बम बम लहरी बम भोले नाथ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें